शनिवार, अक्तूबर 05, 2013

तेरे लवों की तबस्सुम....




तेरे लवों की तबस्सुम पर नाम लिखा है मेरा,
मैंने आंखों में अपनी चेहरा छुपा रखा है तेरा। 

मेरे वजूद को जनाब इस कदर न ठुकराइए, 
बिखर जाएगा ये मोहब्बत का घरौंदा मेरा।   

तूने मेरे नाम पर कभी ली न हो अंगड़ाई, 
जज्बात के इस मोड़ पर आईना झूठा है तेरा। 

पियूं तो पियूं कैसे इन आंखों के छलकते प्याले, 
न तो साकी है मेरी न है मैखाना मेरा। 

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