जिंदगी के एक मोड़ पे मिल गए यूं आपसे,
दिल हमारा सजाने लगा मीठे-मीठे से ख्वाब से।
हाय ये शर्मो-हया, सादगी, ये शोखियां
आंखों में तुम्हारी सनम हैं हजारों मस्तियां।
जिस पल देखूं मैं तुम्हें दिखते हो तुम चांद से।
आपकी आंखों की मय से मौसम शराबी हो गया,
कली फूल बन गई फिजा का रंग गुलाबी हो गया,
चाहते हैं हम तुम्हें, कहते हैं ये आपसे।
जिंदगी के एक मोड़ पे मिल गए यूं आपसे...
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